Sunday, May 26, 2019

आसान सी ये बात समझ क्यूँ नहीं आती
इन्सान को मिलता नहीं क़िस्मत से ज़ियादा

क़तरे के एवज़ इशरत-ए-दरिया न तलब कर
मेहनत का सिला माँग न उजरत से ज़ियादा

-ज़ीशान अल्वी

(एवज़ = बदले),  (इशरत-ए-दरिया = ख़ुशी का दरिया), (उजरत = मज़दूरी)

No comments:

Post a Comment