Monday, June 24, 2019

चाँदनी रात में शानों से ढलकती चादर
जिस्म है या कोई शमशीर निकल आई है

(शानों = कन्धों), (शमशीर = तलवार)

मुद्दतों बा'द उठाए थे पुराने काग़ज़
साथ तेरे मिरी तस्वीर निकल आई है

-साबिर दत्त

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