चाँदनी रात में शानों से ढलकती चादर
जिस्म है या कोई शमशीर निकल आई है
(शानों = कन्धों), (शमशीर = तलवार)
मुद्दतों बा'द उठाए थे पुराने काग़ज़
साथ तेरे मिरी तस्वीर निकल आई है
-साबिर दत्त
जिस्म है या कोई शमशीर निकल आई है
(शानों = कन्धों), (शमशीर = तलवार)
मुद्दतों बा'द उठाए थे पुराने काग़ज़
साथ तेरे मिरी तस्वीर निकल आई है
-साबिर दत्त
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