जब चलो साथ क़ाफ़िला रखना
पर सफ़र अपना तुम जुदा रखना।
क्या ख़बर हाथ फिर बढ़ा दे वो
सुलह का तुम भी रास्ता रखना।
बेवफ़ा है ख़ुशी मिले न मिले
यूं ग़मों से भी वास्ता रखना।
आंसुओं से वो टूट जाएगा
तुम तो होठों पे कहकहा रखना।
अपनी शर्तों पे ज़िन्दगी जीना
अपने बच्चों को ये सिखा रखना।
मुश्किलों में भी काम आएँगे
दोस्तों का अता पता रखना।
जब भी मिलना गले किसी से तो
एक झीना सा फ़ासला रखना।
उसके आने की आस पे 'वाहिद'
रोज़ दहलीज़ पे दिया रखना।
- विकास वाहिद
१५ मई २०१९
पर सफ़र अपना तुम जुदा रखना।
क्या ख़बर हाथ फिर बढ़ा दे वो
सुलह का तुम भी रास्ता रखना।
बेवफ़ा है ख़ुशी मिले न मिले
यूं ग़मों से भी वास्ता रखना।
आंसुओं से वो टूट जाएगा
तुम तो होठों पे कहकहा रखना।
अपनी शर्तों पे ज़िन्दगी जीना
अपने बच्चों को ये सिखा रखना।
मुश्किलों में भी काम आएँगे
दोस्तों का अता पता रखना।
जब भी मिलना गले किसी से तो
एक झीना सा फ़ासला रखना।
उसके आने की आस पे 'वाहिद'
रोज़ दहलीज़ पे दिया रखना।
- विकास वाहिद
१५ मई २०१९
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