सवाल कितने वबाल कितने
हैं ज़िन्दगी में ये जाल कितने।
(वबाल = मुसीबत/ तकलीफ़)
ज़रा से रस्ते में ज़िन्दगी के
उरूज़ कितने ज़वाल कितने।
(उरूज़ = बुलंदी, ऊंचाई), (ज़वाल = अवनति, पतन)
सभी की क़िस्मत में हैं मुअय्यन
फ़िराक़ कितने विसाल कितने।
(मुअय्यन = तय/निश्चित), (फ़िराक़ = विरह, वियोग), (विसाल = मिलन)
जो तेरी फुरक़त में दिन गुज़ारे
थे ज़िन्दगी में मुहाल कितने।
(फुरक़त = विरह, वियोग), (मुहाल = कठिन)
चलो जो दुनिया में तो संभल के
क़दम क़दम पर हैं जाल कितने।
- विकास वाहिद
हैं ज़िन्दगी में ये जाल कितने।
(वबाल = मुसीबत/ तकलीफ़)
ज़रा से रस्ते में ज़िन्दगी के
उरूज़ कितने ज़वाल कितने।
(उरूज़ = बुलंदी, ऊंचाई), (ज़वाल = अवनति, पतन)
सभी की क़िस्मत में हैं मुअय्यन
फ़िराक़ कितने विसाल कितने।
(मुअय्यन = तय/निश्चित), (फ़िराक़ = विरह, वियोग), (विसाल = मिलन)
जो तेरी फुरक़त में दिन गुज़ारे
थे ज़िन्दगी में मुहाल कितने।
(फुरक़त = विरह, वियोग), (मुहाल = कठिन)
चलो जो दुनिया में तो संभल के
क़दम क़दम पर हैं जाल कितने।
- विकास वाहिद
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