Saturday, July 27, 2019

हँसी में छुप न सकी आँसुओं से धुल न सकी
अजब उदासी है जिस का कोई सबब भी नहीं

बुरा न मान 'ज़िया' उस की साफ़-गोई का
जो दर्द-मंद भी है और बे-अदब भी नहीं

(सबब = कारण), (दर्द-मंद = हमदर्द, सहानुभूति प्रकट करनेवाला)

-ज़िया जालंधरी

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