हँसी में छुप न सकी आँसुओं से धुल न सकी
अजब उदासी है जिस का कोई सबब भी नहीं
बुरा न मान 'ज़िया' उस की साफ़-गोई का
जो दर्द-मंद भी है और बे-अदब भी नहीं
(सबब = कारण), (दर्द-मंद = हमदर्द, सहानुभूति प्रकट करनेवाला)
-ज़िया जालंधरी
अजब उदासी है जिस का कोई सबब भी नहीं
बुरा न मान 'ज़िया' उस की साफ़-गोई का
जो दर्द-मंद भी है और बे-अदब भी नहीं
(सबब = कारण), (दर्द-मंद = हमदर्द, सहानुभूति प्रकट करनेवाला)
-ज़िया जालंधरी
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