Thursday, September 27, 2012

रिन्दाने-जहां से ये नफरत, ऐ हजरते-वाइज़ क्या कहना,
अल्लाह के आगे बस न चला, बंदों से बगावत कर बैठे।
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

1.रिन्दाने-जहां- मैकशी की दुनिया यानी शराब पीने वाले
2.हजरते-वाइज़- धर्मोपदेशक महोदय

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