हर ज़र्रा चमकता है, अनवारे – इलाही से,
हर सांस यह कहती है, हम हैं तो ख़ुदा भी है।
-अकबर इलाहाबादी
[(अनवार - प्रकाशपुंज, जगमगाहट, रोशनियां('नूर’ का बहुबचन)), (इलाही - ईश्वर, खुदा)]
हर सांस यह कहती है, हम हैं तो ख़ुदा भी है।
-अकबर इलाहाबादी
[(अनवार - प्रकाशपुंज, जगमगाहट, रोशनियां('नूर’ का बहुबचन)), (इलाही - ईश्वर, खुदा)]
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