mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Friday, September 28, 2012
नीम
का
पेड़
था
बरसात
थी
और
झूला
था
गाँव
में
गुज़रा
ज़माना
भी
ग़ज़ल
जैसा
था
-
मुनव्वर
राना
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