आँखों में छुपाये अश्कों को,
होंठों में वफ़ा के बोल लिये।
इस जश्न में मैं भी शामिल हूँ,
नौहों से भरा कश्कोल लिये।
(अश्क = आँसू), (नौहा = रुदन, विलाप), (कश्कोल = भिक्षा पात्र)
-अहमद फ़राज़
होंठों में वफ़ा के बोल लिये।
इस जश्न में मैं भी शामिल हूँ,
नौहों से भरा कश्कोल लिये।
(अश्क = आँसू), (नौहा = रुदन, विलाप), (कश्कोल = भिक्षा पात्र)
-अहमद फ़राज़
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