बादल हवा की ज़द पे बरस कर बिखर गए,
अपनी जगह चमकता हुआ आफ़ताब है।
नाहक ख़याल करते हो दुनिया की बात का,
तुम को ख़राब जो कहे वो खुद ख़राब है।
-बशीर बद्र
अपनी जगह चमकता हुआ आफ़ताब है।
नाहक ख़याल करते हो दुनिया की बात का,
तुम को ख़राब जो कहे वो खुद ख़राब है।
-बशीर बद्र
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