मैं फ़क़त इन्सान हूँ हिन्दू-मुसलमाँ कुछ नहीं,
मेरे दिल के दर्द में तफ़रीक़े-ईमाँ कुछ नहीं ।
(तफ़रीक़े-ईमाँ = धर्म/ सत्य का बँटवारा/ अंतर)
-आनंद नारायण मुल्ला
मेरे दिल के दर्द में तफ़रीक़े-ईमाँ कुछ नहीं ।
(तफ़रीक़े-ईमाँ = धर्म/ सत्य का बँटवारा/ अंतर)
-आनंद नारायण मुल्ला
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