Wednesday, February 27, 2013

दुश्मनों की सफ़ में शामिल हो गए अहबाब भी,
मुझको मेरे नुत्फ़ की सच्चाइयों ने क्या दिया।
-शौकत मेहदी

(सफ़ = पंक्ति, कतार), (अहबाब = मित्र), (नुत्फ़ = वाक्शक्ति)  

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