Thursday, June 27, 2013

दरियाओं पर अब्र बरसते रहते हैं

दरियाओं पर अब्र बरसते रहते हैं
और हमारे खेत तरसते रहते हैं

(अब्र = बादल)

अपना ही वीरानी से कुछ रिश्ता है
वरना दिल भी उजड़ते बसते रहते हैं

उनको भी पहचान बनानी है अपनी
औरों पर आवाज़ें कसते रहते हैं

बच्चे कैसे उछलें, कूदें, जस्त भरें
उन की पीठ पे भारी बसते रहते हैं

(जस्त = कूदने की क्रिया, छलाँग)

उनके दिल में झाँकें इक दिन हम 'आलम'
जिन के हाथों में गुलदस्ते रहते हैं

-आलम खुर्शीद

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