ज़िंदगी में दो ही लम्हे मुझ पे गुज़रे है कठिन,
एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद
-बहादुर शाह ज़फ़र
कर गई घर मेरा खाली मेरे सो जाने के बाद,
मुझको धड़का था की कुछ होगा तेरे आने के बाद
मैंने दोनों बार थाने में लिखाई थी रपट,
एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद
-पौपुलर मेरठी,
एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद
-बहादुर शाह ज़फ़र
कर गई घर मेरा खाली मेरे सो जाने के बाद,
मुझको धड़का था की कुछ होगा तेरे आने के बाद
मैंने दोनों बार थाने में लिखाई थी रपट,
एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद
-पौपुलर मेरठी,
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