Wednesday, September 4, 2013

ग़ाफ़िल न ही ख़ुदी से, कर अपनी पासबानी
शायद किसी हरम का, तू भी है आस्तानी
- अल्लामा इक़बाल

[(ग़ाफ़िल = बेसुध, बेख़बर), (पासबानी = चौकीदारी), (हरम = काबा, मस्जिद), (आस्तानी = दहलीज़, प्रवेशद्वार)]

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