mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Wednesday, October 23, 2013
ख़ुदा जाने मेरा क्या वज़्न है उनकी निगाहों में?
सुना है आदमी को वोह नज़र में तोल लेते हैं
-अकबर इलाहाबादी,
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