Saturday, May 23, 2015

शांति की कामना

पानी का अचल होना
मन की शांति और आभा का प्रतीक है ।

पानी जब अचल होता है,
उसमें आदमी का
मुख दिखलाई पड़ता है ।
हिलते पानी का बिम्ब भी हिलता है ।

मन जब अचल पानी के
समान शांत होता है,
उसमें रहस्यों का रहस्य मिलता है ।

मन रे, अचल सरोवर के समान
शांत हो जा ।

जग कर तूने जो भी खेल खेले,
सब गलत हो गया ।
अब सब कुछ भूल कर
नींद में सो जा ।  

-रामधारी सिंह 'दिनकर'

पुस्तक: भग्न वीणा

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