Monday, January 28, 2019

ख़ुद-ब-ख़ुद हमवार हर इक रास्ता हो जाएगा

ख़ुद-ब-ख़ुद हमवार हर इक रास्ता हो जाएगा
मुश्किलों के रूबरू जब हौसला हो जाएगा

वो किसी के आसरे की आस क्यों रक्खे भला
जिसका रिश्ता है जड़ों से खुद हरा हो जाएगा

प्यार की दुनिया से नाता जोड़कर देखो कभी
जिसको छू दोगे वो पत्थर आईना हो जाएगा

सीख ले ऐ दोस्त अपने आप से यारी का फ़न
वरना तेरा ज़िन्दगी से फ़ासला हो जाएगा

ऊंचे-ऊंचे सर भी उस दिन शर्म से झुक जाएंगे
जब भी उनका आईने से सामना हो जाएगा

बख़्श दे यारब मुझे भी कोई मीठी सी कसक
मेरे जीने का भी कोई आसरा हो जाएगा

तुम हवाएं ले के आओ मैं जलाता हूं चिराग़
किसमें कितना दम यारों फ़ैसला हो जाएगा

-हस्तीमल 'हस्ती'



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