Wednesday, February 6, 2019

फ़क़त माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर अच्छा नहीं लगता
जहाँ बच्चे नहीं होते वो घर अच्छा नहीं लगता
-अब्बास ताबिश

(माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर = धन-दौलत की दीवारें और दरवाज़ा)

No comments:

Post a Comment