mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Sunday, April 28, 2019
हम भरोसे पे उन के बैठ रहे
जब किसी का भी आसरा न रहा
आरज़ू तेरी बरक़रार रहे
दिल का क्या रहा रहा न रहा
-हसरत मोहानी
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