Saturday, May 18, 2019

ये सपने तो बिल्कुल सच्चे लगते हैं
इन सपनों को सच्चा कर के देखा जाए

घर से निकल कर जाता हूँ मैं रोज़ कहाँ
इक दिन अपना पीछा कर के देखा जाए

-भारत भूषण पन्त

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