Sunday, May 19, 2019

बुरी सरिश्त न बदली जगह बदलने से
चमन में आ के भी काँटा गुलाब हो न सका
-आरज़ू लखनवी

(सरिश्त  = स्वभाव, प्रकृति, गुण, धर्म)

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