Wednesday, June 26, 2019

मुसलसल चोट खा कर देख ली है

मुसलसल चोट खा कर देख ली है
ये दुनिया आज़मा कर देख ली है।

(मुसलसल = लगातार)

कोई मुश्किल न कम होती है मय से
ये शै मुंह से लगा कर देख ली है।

(शै = वस्तु, पदार्थ, चीज़)

मिला किसको इलाज-ए-इश्क़ अब तक
यहाँ सब ने दवा कर देख ली है।

यक़ीं अपनों पे तुम करने चले हो
यूं हमने ये ख़ता कर देख ली है।

अधूरी सी अड़ी है ज़िद पे अब तक
तमन्ना बरगला कर देख ली है।

(बरगलाना = बहकाना, भटकाना, दिग्भ्रमित करना, गुमराह करना, फुसलाना)

दुआओं से तो घर चलता नहीं है
दुआ हमने कमा कर देख ली है।

- विकास "वाहिद"
२५ जून २०१९

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