आओ कोई तफ़रीह का सामान किया जाए
फिर से किसी वाइ'ज़ को परेशान किया जाए
(वाइ'ज़ = धर्मोपदेशक)
मुफ़्लिस के बदन को भी है चादर की ज़रूरत
अब खुल के मज़ारों पे ये एलान किया जाए
(मुफ़्लिस=ग़रीब)
वो शख़्स जो दीवानों की इज़्ज़त नहीं करता
उस शख़्स का भी चाक गरेबान किया जाए
(चाक गरेबान = फटा हुआ गरिबान/ कंठी)
पहले भी 'क़तील' आँखों ने खाए कई धोखे
अब और न बीनाई का नुक़सान किया जाए
(बीनाई = आँखों की दृष्टि)
-क़तील शिफ़ाई
फिर से किसी वाइ'ज़ को परेशान किया जाए
(वाइ'ज़ = धर्मोपदेशक)
मुफ़्लिस के बदन को भी है चादर की ज़रूरत
अब खुल के मज़ारों पे ये एलान किया जाए
(मुफ़्लिस=ग़रीब)
वो शख़्स जो दीवानों की इज़्ज़त नहीं करता
उस शख़्स का भी चाक गरेबान किया जाए
(चाक गरेबान = फटा हुआ गरिबान/ कंठी)
पहले भी 'क़तील' आँखों ने खाए कई धोखे
अब और न बीनाई का नुक़सान किया जाए
(बीनाई = आँखों की दृष्टि)
-क़तील शिफ़ाई
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