Monday, July 29, 2019

आओ कोई तफ़रीह का सामान किया जाए

आओ कोई तफ़रीह का सामान किया जाए
फिर से किसी वाइ'ज़ को परेशान किया जाए

(वाइ'ज़ = धर्मोपदेशक)

मुफ़्लिस के बदन को भी है चादर की ज़रूरत
अब खुल के मज़ारों पे ये एलान किया जाए

(मुफ़्लिस=ग़रीब)

वो शख़्स जो दीवानों की इज़्ज़त नहीं करता
उस शख़्स का भी चाक गरेबान किया जाए

(चाक गरेबान = फटा हुआ गरिबान/ कंठी)

पहले भी 'क़तील' आँखों ने खाए कई धोखे
अब और न बीनाई का नुक़सान किया जाए

(बीनाई = आँखों की दृष्टि)

-क़तील शिफ़ाई

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