Wednesday, July 3, 2024

 उन के पीछे दिल-ए-नादान कहाँ जाता है
बन के तकलीफ़ का सामान कहाँ जाता है

नज़र अन्दाज़ न कर जोश-ए-जुनूँ देख इधर
ये रहा मेरा गिरेबान कहाँ जाता है
 - सत्यपाल 'पैहम' 

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