ज़र का, ज़रूरतों का, ज़माने का, दोस्तों
करते तो हम भी हैं मगर इतना अदब नही
(ज़र = धन)
दुनिया से क्या शिकायतें, लोगों से क्या गिला
हमको ही ज़िन्दगी से निभाने का ढब नहीं
-जावेद अख़्तर
करते तो हम भी हैं मगर इतना अदब नही
(ज़र = धन)
दुनिया से क्या शिकायतें, लोगों से क्या गिला
हमको ही ज़िन्दगी से निभाने का ढब नहीं
-जावेद अख़्तर
No comments:
Post a Comment