Thursday, June 27, 2013

चंद कलियां निशात की चुनकर
मुद्दतों महवे यास रहता हूं

(निशात = आनंद), (महवे यास = निराशा में तल्लीन)

तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही
तुझ से मिलकर उदास रहता हूं
-साहिर लुधियानवी

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